
ग्रीन चैंपियन महाविद्यालय महंत राम जीवन दास महाविद्यालय विष्णुपुर बेगूसराय में आज राष्ट्रीय सेवा योजना एवं एनसीसी 4 बटालियन (लड़की) के महाविद्यालय इकाई के संयुक्त तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए प्राचार्य प्रो. अशोक कुमार सिंह ने कहा एकाग्रता, स्मरण शक्ति, आत्मविश्वास व रोग प्रतिरोधक क्षमता वृद्धि हेतु योग रामबाण है। योग केवल नित्य कर्म ही नहीं बल्कि भारतीय ज्ञान परंपरा व दर्शन का विविध आयाम भी है। यह ऐसी शारीरिक क्रिया है, जिससे तन एवं मन दोनों स्वस्थ होते हैं। योग संपूर्ण शरीर और आंतरिक मन को परिष्कृत करता है। प्रो. नवल किशोर झा ने कहा योग को विश्व के लिए भारत की बेहतरीन देन माना जाता है। यह भारत की पहचान भी है जिस पर हम गर्व कर सकते हैं। योग मन का विज्ञान, शरीर संतुलन की क्रिया तथा मानव को सकारात्मक बनाने की बेहतरीन कला है। अधिकांश बीमारियां मानसिक होती है जिनका नियंत्रण योग विज्ञान से ही संभव है। प्रतिदिन हमारे मन में 30 से 40 हजार विचार उत्पन्न होते हैं। जिनमें नकारात्मक विचारों का नियंत्रण योगाभ्यास से ही संभव है। प्रो. मनोज कुमार झा ने कहा कि हमें योग की जानकारी सिंधु सभ्यता से ही प्राप्त होती है। जो मानव का समग्र विकास कराती है। हमारे दैनिक जीवन में अष्टांग योग की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है। योग मानव शरीर को स्वस्थ, मन को नियंत्रित तथा समाज को सुखी बनाने में सक्षम है। डॉ. अशोक कुमार ने कहा योग द्वारा तनाव प्रबंधन भी किया जाता है।नशुद्ध चित्त नियंत्रित मन तथा स्वस्थ शरीर की प्राप्ति हेतु नित्य योगाभ्यास अनिवार्य है। समग्र स्वास्थ्य प्राप्ति में सत्कर्म की भूमिका की चर्चा करते हुए प्रो. सुरेंद्र कुमार ने कहा जल नीति, शंख प्रक्षालन, ताड़ासन आदि की विधि से शारीरिक संतुलन एवं शरीर से विषाक्त तत्वों के नियंत्रण में योग आवश्यक है। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. रवीन्द्र कुमार मुरारी द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि योग प्राचीन परंपरा से प्राप्त भारतीय मनीषियों की अनुपम देन है जो जन कल्याणार्थ बेहद उपयोगी है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून 2015 में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाए जाने की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा आज लगभग 180 देशों में योग दिवस मनाया जाता है। योग समाज को जोड़ने का काम कर रहा है। योग व्यापार नहीं बल्कि श्रेष्ठ जीवन पद्धति है। यह एक उत्कृष्ट जीवन शैली है। जिससे स्वस्थ व्यक्ति द्वारा समाज को खुशहाल बनाया जा सकता है। इस कार्यक्रम में एनसीसी के सीटीओ सुमन कुमारी, महाविद्यालय के शिक्षक प्रो. विमल राय, प्रो. राजेंद्र प्रसाद सिंह, प्रो. रामाज्ञा सिंह, प्रो. शीला पासवान, प्रो. चंदन कुमार वर्मा, प्रो. दीपक सिन्हा एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के सैकड़ों स्वयंसेवक व एनसीसी 4 बटालियन (लड़की) के सैकड़ों कैडेट के अलावे, भारी संख्या में महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया।कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए महाविद्यालय शासी निकाय के अध्यक्ष डॉ सुरेश प्रसाद राय ने सभी शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं दी।इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षणेत्तर कर्मियों ने अपनी सक्रिय भूमिका निभाई।
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